आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे, किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे, मन की आवाज़ दोनो की थी एक, बस तुम से मिलने की ईच्छा होती थी, आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे, ये सोच कर मन बेय्चैन हो उठता है, जब मुझे वो बाते याद आती थी, मेरे दिल मे तरफ़ सी उठती थी, जब वो मेरे सामने होती थी, आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे, किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे, मैने सोचा कितनी बार, बस, मूढ़ कर कह दू एक बार, लेकिं यह हो ना सका, मे रुक ना सका, हो गेई दिल से बहुत दूर, आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे, किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे. |
Friday, July 15, 2011
"यादे"
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कविता
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रचना बहुत सुन्दर लिखी है आपने!
ReplyDeleteमगर इसमें एक ही काल का प्रयोग कीजिए!
वर्तमान काल का या पास्ट टेन्स का,
कहीं पर आपने वाक्य में है लिखा है और कहीं पर थे लिखा है!
खैर लिखते-लिखते पारंगत हो जाएँगे आप!
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निरंतर लिखते रहें!
मेरा आशीर्वाद आपके साथ है!
Hey thank you!!! I was seeking for the particular information for long time. Good Luck ?
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