मित्रों! आज अपने गुरुवर डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी की अनुकम्पा से मैंने अपना यह ब्लॉग बना लिया है! इसका नाम भी गुरू जी ने बहुत सार्थक रखा है अनुपमा मेरी जीवनसंगिनी अंश मेरा प्यारा सा बेटा और SH. से मेरा नाम शुरू होता है, सुरेश अनुपमांश का लोकार्पण भी आदरणीय "मयंक" जी के कर-कमलों से लगाई गई इस पोस्ट से सम्पन्न हो रहा है! |
जाल-जगत पर आपका स्वागत है!
ReplyDeleteधन्य हैं, आप, जो आपको ऐसे महान गुरु की प्राप्ति हुई है!
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आपके गुरु जी को सौ-सौ बार नमन!
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हैडर सचमुच बहुत सुंदर लग रहा है!
इतना आकर्षक हैडर गुरु जी ही बना सकते हैं!
उनका श्रम वंदनीय है!
नामकरण ब्लाग का बहुत खूबसूरत ... सक्षम गुरू का सानिध्य. सार्थक प्रयास
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
सुरे
ReplyDeleteश जी आपका स्वागत है।
गुरु होना और गुरु पाना दोनो सौभाग्य तथा गर्व का विषय है। आप दोनो को बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteसुरेश जी,
ReplyDeleteशुरूआत तो आपने कर दी लेकिन मेरी एक सलाह जरूर मानना।
कभी भी टिप्पणियों के चक्कर में मत पडना। साली टिप्पणियां ऐसी चीज हैं जो अच्छे से अच्छे इंसान का दिमाग खराब कर देती हैं। टिप्पणियों से ज्यादा आपका समय कीमती है। टिप्पणियों को लेकर ब्लॉगिंग में बहुत बडी-बडी राजनीतियां चलती हैं, उनसे बचकर ही रहना।
बहुत बहुत स्वागत. ढ़ेरों बधाईयां.
ReplyDeleteआप दोनो को बधाई और शुभकामनाएं
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