Monday, July 25, 2011

"ग़ज़ल"


"ग़ज़ल"

हवाओ से कह दो बहना छोड दे,
भोरो से कह दो मंडराना छोड दे,
कलियो से कह दो चटकना छोड दे,
बदलो से कह दो गरजना छोड दे,
बिजलियो से कह दो चमकना छोड दे,
जब ये हो नही सकता,
फिर मुझसे क्यू कहते हो,
की तर्ड़फना छोड दो,
तड़ेफते दिल की तर्ड़फ्न हो तुम,
धड़कतेऐ  दिल  की धरकन हो तुम,
टूटती हुई सासो की आश् हो तुम,
बीती हुएः बात की बास हो तुम,
तुम किसी के लिये कुछ भी हो तुम,
मेरे लिये तो खुदा से भी खास हो तुम,
कलियो से कह दो खिलना छोड दे,
फूलो से कह दो महकना छोड दे,
जब यह हो नही सकता फिर मुझसे कीयू,
कहते हो गम को छोड दे,
हवाओ से कह दो बहना छोड दे,
भोरो से कह दो मंडराना छोड दे,
जब ये हो नही सकता,
फिर मुझसे क्यू कहते हो,
की तर्ड़फना छोड दो.






Saturday, July 23, 2011

"प्यारी साइकिल"




"प्यारी साइकिल"



मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी.
ढोटी बोझ सभी का बारी बारी,
मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी,
ढोटी बोझ सभी का भारी भारी,
इश साइकिल की बात निराली,
इश् पर सारी दुनिया करती सवारी,

मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी.
ढोटी बोझ सभी का बारी बारी,
 रोज सवेर यह सैर कराती,
कभी ना रुकती कभी ना कहती,
अगले पीछले पहिए पेर वो चलती,
मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी.
ढोटी बोझ सभी का बारी बारी,
एक दिन चलते चलते हो गयी बीमार,
लगाकर टाके चार साथ मे,
फिर हो गयी उठकर तेयार,
मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी.
ढोटी बोझ सभी का बारी बारी,
बढ़े प्यार से मुझे बेटाथी,
मुझे दुनिया की शेर करती,
कभी ना रुकती, कभी ना कहती,
बस चलते ही चलते वो है जाती,
मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी.
ढोटी बोझ सभी का बारी बारी


Friday, July 15, 2011

"यादे"



आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे,
किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे,
मन की आवाज़ दोनो की थी एक,
बस तुम से मिलने की ईच्छा होती थी,

आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे,
ये सोच कर मन बेय्चैन हो उठता है,
जब मुझे वो बाते याद आती थी,
मेरे दिल मे तरफ़ सी उठती थी,
जब वो मेरे सामने होती थी,

आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे,
किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे,
मैने सोचा कितनी बार, बस,
मूढ़ कर कह दू एक बार,
लेकिं यह हो ना सका, मे रुक ना सका,
हो गेई दिल से बहुत दूर,
आज वो यादे मुझे एहसास दिलाती हे,
किया वो खूबसूरत दिन थे, जब आप ओर हम थे.